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Saturday 23 January 2016

काजोल ने करन को दिया जवाब, बोलीं, मुझे मन की बात करने में कोई दिक्कत नहीं

जयपुर। जेएलएफ में पहुंची एक्ट्रेस काजोल इनटॉलरेंस पर खुलकर बोलीं, कहा, फिल्म इंडस्ट्री में किसी प्रकार की कोई असहिष्णुता नहीं है। मुझे भी मन की बात कहने में कोई दिक्कत नहीं है। असल में लोग कई विषयों पर अनावश्यक रूप से संवेदनशील हो गए हैं। क्या करें, इसलिए एक- एक शब्द नाप-तोल कर बोलना पड़ता है, बोलें कि नहीं बोलें। सुनने वाला भी एक-एक शब्द के अलग अलग अर्थ निकाल रहा है ...


फिल्म निर्माता-निर्देशक करन जौहर के मन की बात को लेकर भारत में हो रही परेशानी वाले बयान पर पूछे गए सवाल पर जयपुर आईं काजोल ने यह बात कही। करन जौहर ने जेएलएफ के पहले दिन कहा था कि इस देश में मन की बात करना बहुत मुश्किल है। काजोल ने कहा, सुनने वाला भी एक-एक शब्द के अलग अलग अर्थ निकाल रहा है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम अच्छा बोलें और संवेदनशील रहें।

लेखन से बिकती हैं किताबें, सेलिब्रिटी के नाम से नहीं

काजोल ने जेएलएफ में अश्विन सांघी की बुक द सियालकोट सागा के लॉन्चिंग के बाद मीडिया से कहा, से​लि​ब्रिटी के होने से किताबें नहीं पढ़ी जातीं। किताबें हमेशा लेखन के कारण बिकती हैं। मेरे पास घर की लाइब्रेरी में 600 से ज्यादा किताबें हैं। इनमें से मैं कई किताबें बार-बार पढ़ती हूं। मैंने कोई किताब उसके लेखक या सेलिब्रिटी के नाम से नहीं खरीदी, उसके कंटेट के कारण खरीदी।

सारे अच्छे रीडर एंटी सोशल हैं

काजोल ने कहा, सारे अच्छे रीडर एंटी सोशल हैं। जिन्हें किताबें पसंद आती हैं, उन्हें लोग पसंद नहीं आते। एक किताब पूरी खत्म नहीं हो जाती, तब तक किताब पढ़ती हूं तो माता- पिता, परिवार, बच्चे और घर संभालने तक को भूल जाती हूं।

सन्नी लियोनी का भी स्वागत

सन्नी लियोन की फिल्म इंडस्ट्री में स्वीकार्यता को लेकर पूछे गए सवाल पर काजोल ने कहा, फिल्म इंडस्ट्री के दरवाजे किसी के लिए भी बंद नहीं हैं। सभी का स्वागत है। यहां कोई अहिष्णुता नहीं है। कोई जातिवाद, भेदभाव, कोई धर्म, भाषा, अतीत यहां नहीं चलता। सन्नी लियोन आ गई तो क्या फर्क पड़ता है।

  वुमन एंपावरमेंट की जिम्मेदारी खुद महिला की ही

काजोल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की जिम्मेदारी खुद महिलाओं की ही है। यदि मां अपने बच्चों के लिए अच्छी टीचर साबित हो तो बेटा बेटी में कोई अंतर नहीं रहेगा। तब ही समाज में भी वैसी ही सोच बनेगी और महिला अपराध रुकेंगे। खुद ब खुद वुमन एंपावरमेंट होगा। जेएलएफ में शनिवार को एक्ट्रेस काजोल मां तनुजा के साथ आईं थीं।​ किताबों पर बात करते-करते वे बोलीं-मेरे घर में तीन कमरेे हैं, जो मेरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी हैं। मेरी शादी हुई तो अजय देवगन ने मुझसे कहा-यदि शादी करनी है तो मुझे दहेज में लाइ्ब्रेरी भी देनी होगी।

 ​सेशन ​द सियालकोट सागा में काजोल ने अपनी किताब पढ़ने की ललक पर मां का जिक्र करते हुए यह बात कही। बोली, मां ने ही उसे किताबें पढ़ने का शौक लगाया। उसी शौक के चलते मैं कुछ घंटों में ही एक किताब को पढ़कर खत्म कर देती हूं। जब मेरी शादी होने वाली थी ​तो अजय देवगन ने भी दहेज में मेरी लाइब्रेरी मांग ली थी। मैं शॉक्ड थी यह सुनकर। अच्छा था कि वे भी किताबों को पसंद करते हैं।

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